हिन्दी पट्टी में तीर्थराज प्रयाग की पुण्यभूमि पठन-पाठन और बौद्धिक चर्या के लिए भी अत्यधिक उर्वर और फलदायक रही है। यहाँ ‘पूरब के ऑक्सफोर्ड’ इलाहाबाद विश्वविद्यालय और अन्य आनुषंगिक संस्थानों से निकलने वाली प्रतिभाएं न सिर्फ भारत अपितु पूरी दुनिया में सफलता के प्रतिमान स्थापित कर चुकी हैं। देश-प्रदेश को अनेक साहित्यकार, राजनेता, योग्य प्रशासक, राष्ट्रपति और प्रधानमन्त्री दे चुके इस पौराणिक शहर की पहचान बौद्धिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कोटि की है।
इस शहर की आबो-हवा ही ऐसी है कि इसमें साँस लेते ही मैंने दस साल के ब्रेक के बाद अपनी किताबों की धूल साफ कर ली, कलम में रोशनाई भर ली, और सरकारी नौकरी के कामकाज से अलग कुछ लिखना-पढ़ना शुरू कर दिया। जल्द ही कम्प्यूटर आया, फिर इण्टरनेट लगा और देखते-देखते ब्लॉगिंग शुरू हो गयी। राजकीय कोषागार का लेखा-जोखा रखने वाला एक साधारण मुलाजिम ‘ब्लॉगर’ बन गया। …लेकिन ठहराव इसके बाद भी नहीं है।
अभी और आगे बढ़ना है। यहाँ प्रयाग में कदाचित् एक अदृश्य शक्ति है जो लगातार रचनाशीलता और बौद्धिक उन्नयन की नयी भूमि तलाशने को प्रेरित करती है। गंगा-यमुना के प्रत्यक्ष संगम के बीच अदृश्य सरस्वती युगों-युगों से शायद इसी शक्ति को परिलक्षित करती रही है।
यह जानी पहचानी भूमिका मैं यहाँ इसलिए दे रहा हूँ कि इलाहाबाद में फिर से एक नया काम होने जा रहा है। वह है ब्लॉगिंग की पढ़ाई। जी हाँ, कुछ होनहार व जिज्ञासु विद्यार्थियों और कलम के सिपाहियों को तराशने और भविष्य के नामी ब्लॉगर बनाने के लिए इस माउसजीवी दुनिया के कुछ बड़े महारथी एक दिन की क्लास लेने आ रहे हैं।
दुनिया में ब्लॉगिंग का जो भी सामान्य या विशिष्ट स्वरूप हो भारत में हिन्दी ब्लॉगिंग निश्चित रूप से कुछ अलग किस्म की है। इस देश में लिखने पढ़ने और बौद्धिक जुगाली करने के अनेक स्तर हैं। गाँव देहात की बैठकबाजी के अड्डे हों, कस्बाई चौराहों की चाय-बैठकी हो, बड़े शहरों का अखबारी क्लब हो, शिक्षण संस्थाओं का सेमिनार हाल हो या महानगरों का कॉफी हाउस हो, मीडिया सेन्टर हो या संसद का गलियारा हो। प्रत्येक जगह बहस चलाने वाले अपनी एक अलग विशिष्ट शैली के साथ मौजूद रहते हैं। लेकिन हिन्दी ब्लॉगिंग एक ऐसा अनूठा माध्यम है जिसमें ऊपर गिनाये गये सभी स्तर तो समाहित होते दिखते ही हैं, यहाँ कुछ अलग किस्म की छवियाँ भी उभरती हैं जो अन्यत्र मिलनीं असम्भव हैं।
इसी अनूठे माध्यम के अलग-अलग आयामों पर चर्चा करने के लिए देश के सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित चिठ्ठाकारों में से चार विभूतियाँ एक साथ एक छत के नीचे जिज्ञासु कलमकारों को ब्लॉगिंग के गुर बताएंगी। कार्यक्रम की रूपरेखा निम्नवत है:
तिथि व समय
शुक्रवार, ०८ मई; सायं: ५:३० बजे से
स्थान
निराला सभागार, दृ्श्यकला विभाग-इलाहाबाद विश्वविद्यालय
आयोजक
ताजा हवाएं-इमरान प्रतापगढ़ी
मुख्य वक्ता |
प्रतिनिधि ब्लॉग |
वार्ता का विषय |
ब्लॉगिंग का नियमित प्रबन्धन |
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ब्लॉगिंग की दुनिया में हिन्दी चिठ्ठाकारी की यात्रा |
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साइंस ब्लॉगिंग की दुनिया |
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हिन्दी कम्प्यूटिंग, अन्तर्जाल में हिन्दी अनुप्रयोग |
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विषय प्रवर्तन और प्रश्नोत्तर-काल |
कार्यक्रम में आमन्त्रित श्रोताओं की जिज्ञासा को शान्त करने के बाद उनसे यह अपेक्षा की जाएगी कि वे रचनाशीलता के इस रोचक और अनन्त सम्भावनाओं वाले माध्यम को अपनाकर इलाहाबाद से उठने वाली इस ज्योति को दूर-दूर तक ले जाएं और पूरी दुनिया को हिन्दी चिठ्ठाकारी के प्रकाश से रौशन करें।
विश्वविद्यालय के फोटो पत्रकारिता एवं दृश्य संचार विभाग के होनहार छात्र और वर्तमान में बड़े कवि सम्मेलनों और मुशायरों के लोकप्रिय और चर्चित हस्ताक्षर इमरान प्रतापगढ़ी ने जब अपनी तरह के इस पहले कार्यक्रम का प्रस्ताव मेरे समक्ष रखा तो मुझे इसे सहर्ष स्वीकार करने में कोई झिझक नहीं हुई। मैने इस उत्साही नौजवान द्वारा आयोजित एक अनूठा कार्यक्रम पहले भी देखा था। मैं आश्वस्त था कि प्रयाग की परम्परा के अनुसार एक उत्कृष्ट आयोजन करने में इमरान जरूर सफल होंगे।
(सिद्धार्थ)
मई 04, 2009 @ 07:08:00
बहुत अच्छी जानकारी दी है . धन्यवाद.
मई 04, 2009 @ 08:34:00
वाकई अनूठा कार्यक्रम, सफलता के लिए शुभकामनाएँ! रिपोर्ट की प्रतीक्षा रहेगी।
मई 04, 2009 @ 10:51:00
बहुत ही अच्छा प्रयास, नित ऐसे ही समय समय पर इस प्रकार के कार्यक्रमों को आयोजन किया जाता रहना चाहिये। सफलता की शुभकामनाएँ
मई 04, 2009 @ 12:57:00
स्लाइड्स तो यहाँ भी आनी चाहिए. इंतज़ार रहेगा. बाकी इन दिग्गजों के होते हुए मुझे नहीं लगता शुभकामना देने की जरुरत है 🙂
मई 04, 2009 @ 16:04:00
ब्लॉगिंग की पढ़ाई। पढ़ कर अच्छा लगा. सब शुभ हो.
मई 04, 2009 @ 16:22:00
बहुत अच्छा है यह तो ..शुभकामनाएं
मई 04, 2009 @ 18:14:00
यह खाकसार दिग्गजों में कब से शामिल हो गया ? यहाँ तो बस वही बात है -आपने बुलाया और हम चले आये रे ! आप और इमरान भाई के स्नेह से बढ़कर भला और क्या ?
मई 04, 2009 @ 18:22:00
bloggero ka yah sammelan hindi ko samridh karega aisa mera vishvas hai.safalata ke liye subhkamanaye.
मई 04, 2009 @ 18:34:00
स्वागत है .
मई 04, 2009 @ 19:37:00
बहुत ही उत्साह जनक समाचार है। इसके लिए आयोजकों की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। साथ ही मैं मुख्य वक्ताओं को भी मुबारकबाद देना चाहूंगा कि उन्होंने अपनी ब्लांगिग का कला का रूतबा तो प्रूव कर ही दिया है।सूचना के लिए आभार।
मई 04, 2009 @ 21:29:00
लीजिए साहब, मेरे शहर में जमावड़ा हो रहा है और मुझी को खबर नहीं । खैर, देर आये दुरूस्त आये । इमरान प्रतापगढी और सिद्धार्थ जी को इस आयोजन के लिए शुभकामनाएं । मैं भी उपस्थित रहूंगा नरेश मिश्र जी के साथ ।
मई 04, 2009 @ 22:51:00
अच्छा, लगता है कुछ बोलना पड़ेगा।
मई 04, 2009 @ 23:29:00
बहुत अच्छा लगा जानकर …ये तो बहुत अच्छा काम हो रहा है मेरी कलम – मेरी अभिव्यक्ति
मई 05, 2009 @ 00:53:00
हम तो इंतज़ार कर रहे ठ ऐसी किसी खबर के लिए अब हमारी औकात है नहीं न ही छमता है की ऐसा आयोजन आयोजित कर सकें बस चुप मरे बैठे ठ सभी महानुभाव से मिलने की उत्सुकता है समय से पहुच जायेगे वीनस केसरी
मई 05, 2009 @ 00:55:00
ये पोस्ट आपके नाम व लिंक के साथ अपने ब्लॉग बटोरन पर पोस्ट कर रहा हूँ कोई आपत्ती हो तो बताइयेगा वीनस केसरी
मई 05, 2009 @ 01:57:00
बधाई हो जी, जब दिग्गज खुद ही मैदान में उतर रहें हों तो जन में एक लहर दौड़ेगी ही।शुभकामनाएं.ज्ञान दद्दा! इब नई बोलोगे तो कब बोलोगे ;)हर जगह, हर समय इंट्रोवर्ट बने रहने से थोड़े ही काम चलेगा जी 😉
मई 05, 2009 @ 08:38:00
हम तो भईया आ नहीं पायेंगे……..पहले आप सब पढ़ लेना….फिर ब्लॉग में ही हमें पढा देना……इस आयोजन की सफलता के लिए हमारी मंगलकामनाएं………!!
मई 05, 2009 @ 11:32:00
सिद्धार्थ जी !मन आल्हादित हो गया पढ कर . अफ़्सोस है कि हाज़िर ना हो पऊन्गा . मन मसोस कर रह जा रहा हू. अभी पूरा महिना निज़ात नहीन है निउ योर्क से . लेकिन एक दर्ख्वस्त लगाऊन आप्की दर पर ? क्या इत्नी कम अवधी मे भूमन्द्लीय स्वरूप देन सम्भव होगा इस आयोजन को .याअनी ’नेत’ पर ’live’ ?हिन्द्युग्म के ’वत्स’ शैलेश ’भारतवाशी’ से येह ’ प्रवासी ’ निवेदन भी करेगा यह सम्भव कर्ने को .आप्ने तो सब कह ही दिया है .ग्यान तीर्थ प्रयाग की शान मे . तो आयोजन भी जान्दार तो होगा ही शान्दार भी क्योन ना हो ! समस्त भूमन्दल को उप्लब्ध कराया जाये .एक ’ प्रतापगढी ’ तो लग ही गया है मन से . उत्ना ही काफ़ी है ………..हमरे जिला क बारे मे त सभै जान्ते हैन ………………सौ पढा न एक ’प्रताप्गढा’ तो हम्का छोड द्या हम बाकी की ’दुनियान’ थामे रहेन्गे .अब प्रयाग सम्मेलन का ’सद्घोश’ हो ! जै हो !!
मई 05, 2009 @ 11:32:00
सिद्धार्थ जी !मन आल्हादित हो गया पढ कर . अफ़्सोस है कि हाज़िर ना हो पऊन्गा . मन मसोस कर रह जा रहा हू. अभी पूरा महिना निज़ात नहीन है निउ योर्क से . लेकिन एक दर्ख्वस्त लगाऊन आप्की दर पर ? क्या इत्नी कम अवधी मे भूमन्द्लीय स्वरूप देन सम्भव होगा इस आयोजन को .याअनी ’नेत’ पर ’live’ ?हिन्द्युग्म के ’वत्स’ शैलेश ’भारतवाशी’ से येह ’ प्रवासी ’ निवेदन भी करेगा यह सम्भव कर्ने को .आप्ने तो सब कह ही दिया है .ग्यान तीर्थ प्रयाग की शान मे . तो आयोजन भी जान्दार तो होगा ही शान्दार भी क्योन ना हो ! समस्त भूमन्दल को उप्लब्ध कराया जाये .एक ’ प्रतापगढी ’ तो लग ही गया है मन से . उत्ना ही काफ़ी है ………..हमरे जिला क बारे मे त सभै जान्ते हैन ………………सौ पढा न एक ’प्रताप्गढा’ तो हम्का छोड द्या हम बाकी की ’दुनियान’ थामे रहेन्गे .अब प्रयाग सम्मेलन का ’सद्घोश’ हो ! जै हो !!
मई 05, 2009 @ 14:19:00
स्वागत है. और इसकी रपट पूरी-पूरी दीजिएगा ब्लॉग पर. अख़बारों की तरह काट-छांट कर नहीं.
मई 05, 2009 @ 21:29:00
सिद्धार्थजीआपने पहले बताया होता तो, हम भी आने की कोशिश करते। लेकिन, शुरुआत बढ़िया है। इसको और मजबूती से बढ़ाइए।
मई 08, 2009 @ 03:13:00
बहुत बढ़िया होगा यह आयोजन…चुनावी व्यस्तता है, वर्ना ज़रूर आते। चलिये,आपसे हालचाल तो मिलेगा ही।
मई 08, 2009 @ 03:13:00
बहुत बढ़िया होगा यह आयोजन…चुनावी व्यस्तता है, वर्ना ज़रूर आते। चलिये,आपसे हालचाल तो मिलेगा ही।
अक्टूबर 24, 2009 @ 09:19:16
nice